जन्म कुंडली से कब होगा विवाह?
अगर आपकी जन्मकुंडली के सातवे भाव में बुध या कोई पाप ग्रह जैसे राहु, केतू, मंगल शनि से दृष्ट या इने साथ ना हो तो ऐसे में आपका विवाह 22 साल की उम्र से पहले ही हो जाता है। वहीं सप्तम भाव में बुध बैठा हो तो उस जातक का विवाह 22 से 25 साल की उम्र में होता है। अगर राहु या शनि का प्रभाव हो तो 27 की उम्र में विवाह होता है।
कुंडली से जाने कब होगा दूसरा विवाह?
सप्त स्थान के स्वामी के साथ मंगल, राहु, केतु, शनि छठे, आठवें या 12वें भाव में हो तो एक स्त्री की मृत्यु के बाद व्यक्ति दूसरा विवाह करता है। यदि सप्तम या अष्टम स्थान में पापग्रह शनि, राहु, केतु, सूर्य हो और मंगल 12वें घर में बैठा हो तो व्यक्ति के दो विवाह होते हैं।
शादी का योग कैसे देखे?
जिस वर्ष शनि और गुरु दोनों सप्तम भाव या लग्न को देखते हों, तब विवाह के योग बनते हैं। सप्तमेश की महादशा-अंतर्दशा या शुक्र-गुरु की महादशा-अंतर्दशा में विवाह का प्रबल योग बनता है। सप्तम भाव में स्थित ग्रह या सप्तमेश के साथ बैठे ग्रह की महादशा-अंतर्दशा में विवाह संभव है।
शादी का योग कब बनेगा?
यदि सूर्य के अंश क्षीण हों तो शादी केवल 20 से 21 वर्ष की उम्र में हो जाती है। अभिप्राय यह है कि जब बुध सातवें घर में हो तब 20 से 25 की उम्र में शादी का योग बनता है। यदि शुक्र, गुरु या चन्द्र आपकी कुंडली के सातवें घर में हैं तो 24- 25 की उम्र में शादी होने की प्रबल संभावना रहती है।